Protests erupt outside Kasba Police station as 3 arrested in alleged Kolkata college gang rape
पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) कार्यालय के सूत्रों ने बताया कि मतगणना केंद्रों पर सुरक्षा का आंतरिक स्तर केवल केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के जवानों द्वारा नियंत्रित किया जाएगा और प्रत्येक केंद्र पर सीएपीएफ की एक कंपनी तैनात की जाएगी।
कोलकाता। पश्चिम बंगाल में चार जून को मतगणना केंद्रों और उसके आसपास तीन स्तरीय सुरक्षा परत होगी। पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) कार्यालय के सूत्रों ने बताया कि मतगणना केंद्रों पर सुरक्षा का आंतरिक स्तर केवल केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के जवानों द्वारा नियंत्रित किया जाएगा और प्रत्येक केंद्र पर सीएपीएफ की एक कंपनी तैनात की जाएगी।
सुरक्षा परत के दूसरे और तीसरे स्तर का प्रबंधन राज्य पुलिस बलों द्वारा किया जाएगा जिसमें सशस्त्र बलों के कर्मी भी शामिल होंगे। इसके अलावा, 200 मीटर के दायरे में धारा 144 लागू की जाएगी। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि मतगणना हॉल सहित प्रत्येक मतगणना केंद्र पर सीसीटीवी लगाए जाएंगे। संभावित पुनर्मतगणना संबंधी अनियमितताओं की जांच के उद्देश्य से इन सीसीटीवी कैमरों के फुटेज को संरक्षित किया जाएगा।
चुनाव आयोग के सूत्रों ने बताया है कि सुरक्षा बढ़ा दी गई है क्योंकि कुछ राजनीतिक दलों ने मतगणना संबंधी अनियमितताओं की आशंका व्यक्त की है। भाजपा ने मांग की है कि भविष्य निधि और पेंशन संरचना के तहत आने वाले केवल स्थायी राज्य सरकार के कर्मचारियों को ही मतगणना से संबंधित ड्यूटी सौंपे जाने चाहिए, न कि अस्थायी कर्मचारियों को।
बीजेपी के प्रदेश महासचिव जगन्नाथ चट्टोपाध्याय के मुताबिक, ''''2021 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में मतगणना संबंधी अनियमितताओं की कई शिकायतें मिलीं। हम अस्थायी कर्मचारियों को शामिल करने की योजना के बारे में जानकारी प्राप्त कर रहे हैं। इन्हें राज्य सरकार से पहचान पत्र देकर चुनावी ड्यूटी में तैनात किया जाता है ताकि अनियमितता की जा सके। इसलिए हमने मांग की है कि पीएफ संरचना के तहत आने वाले केवल स्थायी राज्य सरकार के कर्मचारियों को ही गिनती का काम सौंपा जाना चाहिए।